* नागरिक उड्डयन मंत्री ने संसद में कहा- यात्रियों को परेशान करने वाली किसी भी एयरलाइन को बख्शा नहीं जाएगा
* इंडिगो का दावा- ऑपरेशन हुआ सामान्य, रोज 1800 से ज्यादा उड़ानें भर रहे
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में पिछले एक हफ्ते से जारी भारी अव्यवस्था और यात्रियों की फजीहत के बीच केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मंगलवार को इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को तलब किया और कैंसिलेशन को कम करने के लिए एयरलाइन को अपने ऑपरेशंस में तत्काल प्रभाव से 10 फीसदी की कटौती करने का आदेश दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुख्यालय में हुई इस उच्च-स्तरीय बैठक में माहौल काफी तनावपूर्ण था। उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और सचिव समीर सिन्हा की मौजूदगी में हुई इस बैठक में इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स कथित तौर पर हाथ जोड़े नजर आए। बैठक के दौरान एयरलाइन के लड़खड़ाते संचालन, यात्रियों की देखभाल में कमी, रिफंड में देरी और बैगेज गायब होने जैसी गंभीर समस्याओं पर तीखी चर्चा हुई।
संसद में गूंजा मुद्दा, मंत्री की दो टूक
इस बीच, लोकसभा में भी इंडिगो का मुद्दा गूंजा। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने स्पष्ट कर दिया कि इंडिगो को नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों में कोई विशेष छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा, “कोई भी एयरलाइन, चाहे वह कितनी ही बड़ी क्यों न हो, यात्रियों को इस तरह परेशान नहीं कर सकती।” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि इंडिगो के 65% मार्केट शेयर के प्रभुत्व को कम करने के लिए नई एयरलाइनों को बढ़ावा दिया जाएगा।
CEO ने मांगी माफी, सामान्य स्थिति का दावा
मंत्रालय में पेशी से ठीक पहले, इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने एक वीडियो संदेश जारी कर यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि संकट की शुरुआत 5 दिसंबर को हुई थी। हालांकि, कंपनी ने अब दावा किया है कि एक हफ्ते के संकट के बाद उनकी सभी उड़ानें सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं और ऑन-टाइम परफॉर्मेंस सुधर गया है। इंडिगो के मुताबिक, वे अब रोजाना 1800 से अधिक उड़ानें संचालित कर रहे हैं और फंसे हुए लगभग सभी लगेज यात्रियों तक पहुंचा दिए गए हैं।
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