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उत्तर प्रदेश: फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी की खुली पोल, महंगी गाड़ियों और ठगी का जाल आया सामने

लखनऊ: 6 सितंबर – उत्तर प्रदेश में खुद को एक प्रभावशाली IAS अधिकारी बताने वाले सौरभ त्रिपाठी की ठगी का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने उसके पास से मर्सिडीज और डिफेंडर जैसी छह महंगी गाड़ियाँ, कई सरकारी विभागों की मुहरें, लैपटॉप और फर्जी प्रोजेक्ट फाइलें बरामद की हैं। हैरानी की बात यह है कि उसके कथित प्रभाव के कारण लोग उसके खिलाफ शिकायत करने से भी डरते थे।

गाड़ियों को सरकारी विभागों में अटैच कराने के नाम पर ठगी

जांच में यह सामने आया है कि सौरभ त्रिपाठी ने कार मालिकों को सरकारी विभागों में उनकी गाड़ियाँ अटैच कराने के नाम पर धोखा दिया। उसने दावा किया था कि इससे उन्हें अच्छा पैसा मिलेगा। पुलिस के अनुसार, बरामद हुई गाड़ियों में दिल्ली की एक मर्सिडीज और बिहार की एक डिफेंडर भी शामिल हैं। बाकी गाड़ियाँ लखनऊ के कार डीलरों की हैं।

पुलिस ने बताया कि जब कार मालिकों से संपर्क किया गया, तो उन्होंने खुलासा किया कि लगभग एक साल पहले सौरभ ने खुद को एक IAS अधिकारी बताया था और अपने साथ मौजूद गनर और पर्सनल सेक्रेटरी (PS) से उन पर विश्वास जमाया। इसके बाद, उसने प्रत्येक कार के लिए डेढ़ से दो लाख रुपये देकर बाकी रकम बाद में देने का वादा किया। अब ये सभी कार मालिक सौरभ के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं। वजीरगंज के इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि शिकायत मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा और पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर सौरभ से पूछताछ की जाएगी।

महंगे होटलों में बुलाकर करता था धोखाधड़ी

पुलिस ने सौरभ के पास से एलडीए और आवास विकास समेत दस से अधिक सरकारी विभागों की मुहरें और तीन से चार फर्जी प्रोजेक्ट फाइलें भी बरामद की हैं। जांच में पता चला है कि सौरभ लखनऊ के महंगे होटलों में बिल्डरों और अन्य लोगों को मीटिंग के लिए बुलाता था। वह उन्हें सरकारी प्रोजेक्ट दिलाने का लालच देकर ठगी करता था। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसने कितने लोगों के साथ धोखाधड़ी की है।

सुरक्षा किसने दी, अब तक नहीं हुआ खुलासा

एक और चौंकाने वाला तथ्य यह है कि सौरभ को तीन सुरक्षाकर्मी भी मिले हुए थे। उसने सुरक्षा के लिए मेल किया था, जिसके बाद पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट मांगी थी। अब यह सवाल उठ रहा है कि किसने ऐसी रिपोर्ट दी कि उसे सुरक्षा की जरूरत है? पुलिस के पास इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं है, और इस मामले की आगे की जांच जारी है।

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