नई दिल्ली

दिल्ली प्रदूषण: CJI सूर्यकांत का दर्द- ’55 मिनट वॉक की, सुबह तक रही बेचैनी’; सुप्रीम कोर्ट में उठी वर्चुअल सुनवाई की मांग

• चुनाव आयोग और वरिष्ठ वकीलों ने की ऑनलाइन कामकाज की अपील

• कोर्ट ने कहा- जजों और बार एसोसिएशन से चर्चा के बाद लेंगे फैसला

• वोटर लिस्ट रिविजन (SIR) मामले की सुनवाई के दौरान उठा मुद्दा

नई दिल्ली, 26 नवंबर:

दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा का असर अब देश की सर्वोच्च अदालत के कामकाज और जजों की सेहत पर भी दिखने लगा है। बुधवार (26 नवंबर 2025) को सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने प्रदूषण पर गहरी चिंता जताते हुए अपना निजी अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि प्रदूषण के कारण उन्हें शाम की सैर (वॉक) के बाद पूरी रात परेशानी झेलनी पड़ी। इस स्थिति को देखते हुए वरिष्ठ वकीलों ने कोर्ट से फिलहाल ‘ऑनलाइन मोड’ में सुनवाई करने की अपील की है।

‘दो दिन वॉक नहीं की, कल गया तो भुगतना पड़ा’

देश में चल रहे वोटर लिस्ट के ‘स्पेशल इन्टेंसिव रिविजन’ (SIR) से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान CJI सूर्यकांत ने कहा, “प्रदूषण के चलते मुझे बहुत असुविधा महसूस हुई। मैं पिछले दो दिनों से वॉक पर नहीं जा पाया था। कल शाम मैंने सिर्फ 55 मिनट वॉक की, लेकिन उसका असर यह हुआ कि मैं सुबह तक परेशान रहा।”

सिब्बल और चुनाव आयोग के वकील ने की मांग

सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने प्रदूषण का हवाला देते हुए 2 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (ऑनलाइन) के जरिए शामिल होने की अनुमति मांगी।

याचिकाकर्ता पक्ष के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भी इस मांग का समर्थन किया। सिब्बल ने सुझाव दिया कि हालात सुधरने तक कोर्ट को ऑनलाइन मोड में ही काम करना चाहिए। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि वह इस मुद्दे पर बार एसोसिएशन और साथी जजों के साथ विचार-विमर्श करेंगे और सबकी सहमति से ही कोई फैसला लिया जाएगा।

क्या है SIR मामला और आगे की तारीखें?

सुप्रीम कोर्ट ने SIR (वोटर लिस्ट रिविजन) पर सुनवाई को दो हिस्सों में बांट दिया है। पहले हिस्से में SIR की वैधता पर सुनवाई होगी, जबकि दूसरे हिस्से में राज्यों के स्थानीय मुद्दों को सुना जाएगा।

  • केरल: 2 दिसंबर
  • तमिलनाडु: 4 दिसंबर
  • पश्चिम बंगाल: 9 दिसंबर

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को आश्वस्त किया है कि यदि आवश्यक हुआ, तो ड्राफ्ट रोल के प्रकाशन की तारीख (जो अभी 9 दिसंबर तय है) को आगे बढ़ाया जा सकता है।

गंभीर श्रेणी में दिल्ली की हवा

गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में पिछले 12 दिनों से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। कई इलाकों में AQI 350 के पार पहुंच चुका है, जिससे लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कत हो रही है।


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