उत्तर प्रदेश

पर्यटन से पूरा होगा ‘विकसित यूपी’ का सपना: 6 महीने में आए 121 करोड़ पर्यटक; 2047 के लिए तैयार हुआ ‘ब्लूप्रिंट’

• जनवरी-जून 2025 के बीच टूटा रिकॉर्ड, वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनने में मिलेगी बड़ी मदद • 2015 में थे सिर्फ 22 करोड़ पर्यटक, 2024 में आंकड़ा 65 करोड़ के पार; इको-टूरिज्म और वेलनेस पर अब विशेष जोर

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों के चलते उत्तर प्रदेश अब देश का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल (Tourist Hub) बनने की राह पर है। पर्यटन क्षेत्र ने राज्य की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार दी है। आंकड़ों के मुताबिक, केवल जनवरी से जून 2025 के बीच उत्तर प्रदेश में 121 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे हैं। इस अभूतपूर्व वृद्धि को देखते हुए सरकार ने 2047 तक यूपी को ‘विकसित प्रदेश’ बनाने के लिए पर्यटन का एक नया ब्लूप्रिंट तैयार किया है।

घरेलू पर्यटन में यूपी नंबर 1 लखनऊ के योजना भवन में आयोजित “विकसित उत्तर प्रदेश @2047” कार्यशाला में सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा, “उत्तर प्रदेश पर्यटन के दम पर ही विकसित प्रदेश बनेगा। आज हम घरेलू पर्यटन में देश में पहले स्थान पर हैं, जबकि विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने में चौथे स्थान पर हैं। 2025 के आंकड़े नए रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहे हैं।”

केरल की तर्ज पर ‘वेलनेस टूरिज्म’ कार्यशाला में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन) मनोज कुमार सिंह ने सुझाव दिया कि यूपी को अब केरल की तर्ज पर ‘वेलनेस टूरिज्म’ को बढ़ावा देने की जरूरत है। आयुष, योग और पंचकर्म के जरिए पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा। साथ ही, पर्यटन स्थलों पर साफ-सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

10 साल में बदली तस्वीर पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने आंकड़ों के जरिए बदलाव की तस्वीर पेश की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में जहां सिर्फ 22 करोड़ पर्यटक यूपी आए थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 65 करोड़ हो गई (इसमें महाकुंभ के आंकड़े शामिल नहीं हैं)। अब सरकार का पूरा फोकस ‘इको-फ्रेंडली टूरिज्म’ और मथुरा में म्यूजियम जैसे प्रोजेक्ट्स पर है।

12 सर्किट और एक्सप्रेस-वे का जाल पर्यटन महानिदेशक राजेश कुमार ने बताया कि राज्य में 12 टूरिस्ट सर्किट बनाए गए हैं। एक्सप्रेस-वे के जाल, नए एयरपोर्ट और वंदे भारत ट्रेनों ने पर्यटकों की राह आसान कर दी है। इसके अलावा, यूपीएसटीडीसी अब ऐसे टूर पैकेज डिजाइन कर रहा है जिससे पर्यटक कम से कम 3 दिन राज्य में रुकें। तराई क्षेत्रों (दुधवा, पीलीभीत) में इको-टूरिज्म की असीम संभावनाओं पर भी काम किया जा रहा है।


(डिस्क्लेमर: आत्महत्या समस्या का हल नहीं है। यदि आप तनाव महसूस कर रहे हैं, तो मदद के लिए सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें।)


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