राजनीति

बिहार हार पर कांग्रेस की बैठक में गाली-गलौज और गोली मारने की धमकी; नेता बोले- ‘टिकट बेचे गए, फ्रेंडली फाइट ने डुबोया’

• राहुल गांधी और खड़गे के सामने ही भिड़ गए नेता, इंजीनियर संजीव सिंह का आपा खोया

• हार के कारणों में ‘टिकट बिक्री’ और कन्हैया कुमार की अनदेखी सबसे ऊपर

नई दिल्ली: पटना बिहार विधानसभा चुनाव में महज 6 सीटों पर सिमटने वाली कांग्रेस पार्टी की समीक्षा बैठक अखाड़े में तब्दील हो गई। दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मौजूदगी में बुलाई गई इस बैठक में हार के कारणों पर मंथन तो कम हुआ, लेकिन गाली-गलौज और जान से मारने की धमकियां ज्यादा गूंजीं। हालात इतने बिगड़ गए कि एक नेता ने भरी बैठक में दूसरे को गोली मारने तक की धमकी दे डाली।

‘ज्यादा बोलोगे तो गोली मार दूंगा…’

सूत्रों के मुताबिक, बैठक शुरू होने से पहले ही माहौल गर्म था। वैशाली से कांग्रेस उम्मीदवार रहे इंजीनियर संजीव सिंह ने हार का ठीकरा गलत टिकट वितरण और ‘फ्रेंडली फाइट’ पर फोड़ा। जब संजीव सिंह बोल रहे थे, तो कुछ अन्य प्रत्याशियों ने उन्हें टोकना शुरू कर दिया। इस पर संजीव सिंह अपना आपा खो बैठे। बात गाली-गलौज तक पहुंच गई और गुस्से में उन्होंने टोकने वाले नेताओं को धमकाते हुए कहा, “बहुत बोलोगे तो गोली मार दूंगा।”

वहां मौजूद प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, मदन मोहन झा और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने किसी तरह बीच-बचाव कर मामला शांत कराया।

बैठक में उठे 5 बड़े मुद्दे जिन्होंने कांग्रेस को हराया:

  1. टिकट बेचने का आरोप: बैठक में कई नेताओं ने खुले तौर पर आरोप लगाया कि बिहार में टिकट पैसे लेकर बेचे गए, जिससे कमजोर उम्मीदवार मैदान में उतरे और हार तय हो गई।
  2. फ्रेंडली फाइट से डैमेज: नेताओं ने कहा कि गठबंधन होने के बावजूद कई सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ (दोस्ताना संघर्ष) ने पार्टी का खेल बिगाड़ दिया।
  3. कन्हैया कुमार की अनदेखी: नेताओं ने शिकायत की कि बिहार में कन्हैया कुमार जैसे फायरब्रांड नेता का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में नहीं किया गया, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा।
  4. पप्पू यादव पर भड़ास: कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि पप्पू यादव ने कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवारों को हराने का काम किया।
  5. आरजेडी से गठबंधन पर सवाल: कई नेताओं ने सलाह दी कि आरजेडी (RJD) से गठबंधन तोड़ देना चाहिए क्योंकि सीट बंटवारे में देरी और मनमानी सीटों के कारण कांग्रेस कमजोर हुई। सुझाव दिया गया कि पार्टी को अब अकेले अपनी जमीन मजबूत करनी चाहिए।

राहुल-खड़गे ने लिया फीडबैक

हंगामे के बीच राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने 10-10 के समूहों में नेताओं को बुलाकर फीडबैक लिया। राहुल ने नेताओं से कहा कि वे एक-दूसरे पर आरोप लगाने के बजाय अपनी विधानसभा की रिपोर्ट दें, लेकिन बाहर हॉल में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा।


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