रतन टाटा का एक फोन कॉल और बदल गई निरंजन हीरानंदानी की जिंदगी

नई दिल्ली: रियल एस्टेट की दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाले निरंजन हीरानंदानी का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनके जीवन में एक ऐसा पल आया, जब उद्योगपति रतन टाटा का एक फोन कॉल उनके लिए टर्निंग पॉइंट बन गया। हाल ही में कर्ली टेल्स पर काम्या जानी के साथ बातचीत में निरंजन ने इस अनूठी घटना का जिक्र किया, जिसने न केवल उनके करियर को नई दिशा दी, बल्कि उनके दिल में रतन टाटा के प्रति सम्मान को और गहरा कर दिया।
रतन टाटा का वह खास फोन कॉल
यह वाकया 1 अगस्त 2024 का है। उस दिन निरंजन हीरानंदानी के पास एक अनपेक्षित फोन कॉल आया। फोन पर थे भारत के सबसे सम्मानित उद्योगपतियों में से एक, रतन टाटा। उन्होंने सीधे और सादगी भरे अंदाज में पूछा, “निरंजन, क्या तुम मेरे साथ टाटा पार्किंसन ट्रस्ट में को-ट्रस्टी बनोगे?” निरंजन बताते हैं, “उस पल मैं स्तब्ध रह गया। रतन टाटा जैसे शख्स का मुझ पर इतना भरोसा! मैं इनकार कैसे कर सकता था?” इस प्रस्ताव को स्वीकार करते ही निरंजन उस ट्रस्ट का हिस्सा बन गए, जिसका उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना था।
दुर्भाग्यवश, इस घटना के मात्र दो महीने बाद, 9 अक्टूबर 2024 को रतन टाटा का निधन हो गया। निरंजन के लिए यह कॉल और उस ट्रस्ट में उनकी भूमिका न केवल एक जिम्मेदारी थी, बल्कि रतन टाटा के साथ उनके गहरे रिश्ते और विश्वास का प्रतीक भी थी।
कठिनाइयों से भरा रहा सफर
निरंजन हीरानंदानी की सफलता की कहानी रातोंरात नहीं बनी। रियल एस्टेट में अपनी धाक जमाने से पहले उन्होंने कई क्षेत्रों में हाथ आजमाए। शुरुआती दिनों में उन्होंने एक शिक्षक के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने कपड़ा मिल चलाने की कोशिश की, लेकिन असफलता ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। निरंजन खुद मानते हैं कि उनके करियर के शुरुआती साल चुनौतियों और असफलताओं से भरे थे। लेकिन इन असफलताओं ने ही उन्हें मेहनत, धैर्य और दृढ़ संकल्प का पाठ पढ़ाया, जिसके बल पर वे आज रियल एस्टेट के क्षेत्र में एक बड़ा नाम हैं।
रतन टाटा के साथ दोस्ती का अनमोल रिश्ता
निरंजन और रतन टाटा के बीच का रिश्ता केवल पेशेवर नहीं, बल्कि गहरी दोस्ती और पारस्परिक सम्मान पर आधारित था। रतन टाटा की सादगी, दूरदर्शिता और समाज के प्रति उनके समर्पण ने निरंजन को हमेशा प्रेरित किया। टाटा पार्किंसन ट्रस्ट में को-ट्रस्टी बनने का अवसर उनके लिए न केवल एक सम्मान था, बल्कि यह रतन टाटा के विश्वास का प्रतीक भी था।
आगे की राह
निरंजन हीरानंदानी आज न केवल रियल एस्टेट की दुनिया में अपनी पहचान रखते हैं, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं। रतन टाटा के उस एक फोन कॉल ने न सिर्फ उनके जीवन को नई दिशा दी, बल्कि यह भी साबित किया कि विश्वास और दोस्ती की ताकत कितनी बड़ी हो सकती है।
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