राजस्थान

राजस्थान: पाकिस्तान की सिम से 15 करोड़ की ठगी, असम से जम्मू-कश्मीर तक फैला नेटवर्क

राजस्थान के भरतपुर जिले के सीकरी थाना क्षेत्र के बेला गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। असम की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सद्दीक नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिस पर पाकिस्तान की सिम का इस्तेमाल करके लोगों से ठगी करने और ठगी के 15 करोड़ रुपये पाकिस्तान भेजने का गंभीर आरोप है। पुलिस ने सद्दीक के पास से एक ऐसा मोबाइल फोन बरामद किया है, जिसमें 15 करोड़ रुपये के लेनदेन का हिसाब-किताब मिला है। 

राजस्थान: पाकिस्तान की सिम से 15 करोड़ की ठगी, असम से जम्मू-कश्मीर तक फैला नेटवर्क

मुख्य बातें:

  • राजस्थान के सीकरी से सद्दीक नामक व्यक्ति गिरफ्तार, पाकिस्तान की सिम से ठगी और 15 करोड़ रुपये पाकिस्तान भेजने का आरोप।
  • असम एसटीएफ ने कार्रवाई कर सद्दीक को पकड़ा, उसके पास से 15 करोड़ के लेनदेन वाला मोबाइल बरामद।
  • सद्दीक का कनेक्शन असम से जम्मू-कश्मीर तक फैला हुआ है, पाकिस्तान में भी सक्रिय थी सिम।
  • गिरोह फर्जी सिम के जरिए साइबर ठगी कर रहा था और पैसे पाकिस्तान भेज रहा था, राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला।
  • असम में पकड़े गए सिम विक्रेता जकरिया अहमद से हुआ मामले का खुलासा, हजारों फर्जी सिम बेचने का आरोप।

विस्तृत जानकारी:

राजस्थान के भरतपुर जिले के सीकरी थाना क्षेत्र के बेला गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। असम की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सद्दीक नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिस पर पाकिस्तान की सिम का इस्तेमाल करके लोगों से ठगी करने और ठगी के 15 करोड़ रुपये पाकिस्तान भेजने का गंभीर आरोप है। पुलिस ने सद्दीक के पास से एक ऐसा मोबाइल फोन बरामद किया है, जिसमें 15 करोड़ रुपये के लेनदेन का हिसाब-किताब मिला है।

असम एसटीएफ के अधिकारियों को इस साइबर ठगी और हवाला रैकेट के बारे में गुप्त सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसटीएफ की टीम ने सीकरी के बेला गांव में छापा मारा और सद्दीक को धर दबोचा। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सद्दीक का नेटवर्क काफी विस्तृत है और इसके तार असम से लेकर जम्मू-कश्मीर तक जुड़े हुए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि सद्दीक के पास से बरामद पाकिस्तान में चलने वाली सिम असम में एक फर्जी पते पर जारी की गई थी और यह सिम कई दिनों तक पाकिस्तान में भी सक्रिय पाई गई। पूछताछ में सद्दीक ने पुलिस को बताया कि वह यह सिम कश्मीर से लेकर आया था और इसी सिम का इस्तेमाल वह साइबर ठगी के लिए कर रहा था। उसने अपना नाम सद्दीक पुत्र धन्ना निवासी बेला बताया है।

इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब 25 मार्च को असम की गुवाहाटी स्पेशल टास्क फोर्स ने जकरिया अहमद नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। जकरिया सगुणमारी का रहने वाला है और सिम बेचने का काम करता है। पूछताछ में उसने बताया कि उसने हजारों फर्जी सिम बेची हैं, जिनमें से एक सिम पाकिस्तान में भी चल रही थी। इस सनसनीखेज जानकारी के मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां तुरंत अलर्ट हो गईं। उन्होंने उस सिम की लोकेशन ट्रेस की, जो सीकरी थाना इलाके के बेला गांव में सक्रिय पाई गई। इसके बाद असम एसटीएफ के एसएसपी कल्याण कुमार पाठक के नेतृत्व में एक विशेष टीम सीकरी पहुंची और स्थानीय पुलिस की मदद से सद्दीक को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने सद्दीक के पास से पांच मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनमें से एक मोबाइल में लगभग 15 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेनदेन मिला है। फिलहाल असम एसटीएफ इस सिम के पाकिस्तान कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस को संदेह है कि सद्दीक साइबर ठगी से कमाए गए काले धन को पाकिस्तान भेजता था और इसी सिम के माध्यम से पाकिस्तान में पैसों का लेनदेन होता था।

हालांकि, असम पुलिस के अधिकारी अभी इस संवेदनशील मामले पर कुछ भी आधिकारिक तौर पर कहने से बच रहे हैं। पुलिस फिलहाल यह भी पता लगाने में जुटी है कि सद्दीक के साथ इस गोरखधंधे में और कितने लोग शामिल हैं। पुलिस को आशंका है कि यह एक बड़ा संगठित गिरोह हो सकता है, जो पूरे देश में साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा है और अवैध रूप से कमाए गए पैसे को पाकिस्तान भेज रहा है। यह मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण सुरक्षा एजेंसियां गहनता से जांच कर रही हैं।

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