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फतेहपुर में ‘नशे का जाल’ और राजनीतिक संरक्षण

विजयीपुर चौकी क्षेत्र में बीजेपी कार्यकर्ता पर अवैध मादक पदार्थों का कारोबार चलाने का आरोप, आबकारी विभाग पर मिलीभगत के गंभीर सवाल


फतेहपुर: फतेहपुर जिले के विजयीपुर चौकी क्षेत्र का नरैनी कस्बा इन दिनों अवैध मादक पदार्थों के कारोबार का एक बड़ा केंद्र बन गया है। सूत्रों के मुताबिक, इस गोरखधंधे के पीछे एक स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता का हाथ बताया जा रहा है, जिस पर चोरी-छिपे शराब और गांजा जैसे नशे के पदार्थों की व्यापक सप्लाई का आरोप है।
सबसे गंभीर बात यह है कि यह पूरा अवैध नेटवर्क स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग की कथित मिलीभगत और संरक्षण से फल-फूल रहा है, जिसके कारण यह काला कारोबार अब कस्बे के कई इलाकों तक अपनी जड़ें जमा चुका है।
प्रमुख आरोप और चौंकाने वाली स्थिति
राजनीतिक संरक्षण: रिपोर्ट के अनुसार, एक प्रभावशाली बीजेपी कार्यकर्ता के नाम का उपयोग कर यह नेटवर्क चलाया जा रहा है। उसके मजबूत संरक्षण के कारण न तो पुलिस प्रभावी कार्रवाई कर पा रही है और न ही आबकारी विभाग।
खुलेआम बिक्री: स्थानीय लोगों का कहना है कि नरैनी स्थित भांग की दुकानों की आड़ में खुलेआम गांजा पुड़िया तक उपभोक्ताओं को आसानी से मिल जाती है। सार्वजनिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों के पास भी यह बिक्री जारी है।
प्रशासन की चुप्पी: स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पुलिस गश्त के दौरान भी तस्करों को रोका नहीं जाता। आबकारी विभाग भी इस मामले में पूरी तरह से उदासीन बना हुआ है। संदेह है कि कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की चुप्पी ने इस अवैध नेटवर्क को ताकत दी है।
जाँच के नाम पर औपचारिकता
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जब कभी उच्च विभागों के दबाव में कार्रवाई की जाती है, तो वह केवल दिखावा बनकर रह जाती है। आरोप है कि असली तस्करों और अनुज्ञापियों को बचाने की साजिश चलती है, जिसके कारण पुलिस छापों में पकड़े गए कई गांजा विक्रेता और अनुज्ञापी अब तक फरार हैं।
जनता का स्पष्ट आरोप है कि राजनीतिक संरक्षण ने प्रशासनिक ठहराव को जन्म दिया है, जिससे स्थानीय प्रशासन की अक्षमता और सांठगांठ उजागर होती है। तस्कर और अनुज्ञापी खुलेआम थाने के चक्कर लगाते हैं, जो इस नेटवर्क के मजबूत होने का प्रमाण है।
स्थानीय जनता की बेबसी और मांगें
विजयीपुर और आस-पास के क्षेत्रीय लोग नशे के इस कारोबार से बेहद त्रस्त हैं। उनका कहना है कि युवाओं के नशे के जाल में फंसने से इलाके का सामाजिक ताना-बाना टूट रहा है, और अपराध में वृद्धि हो रही है।
स्थानीय जनता ने फतेहपुर पुलिस अधीक्षक और उच्च अधिकारियों से इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उनकी मुख्य मांग है कि इस अवैध नेटवर्क और उससे जुड़े सभी प्रभावशाली लोगों, चाहे वे किसी भी दल से जुड़े हों, उनका भंडाफोड़ किया जाए और ठोस कानूनी कार्रवाई की जाए।
प्रशासन का पक्ष
इस गंभीर मामले पर जब फतेहपुर पुलिस और आबकारी विभाग से संपर्क किया गया, तो उनका कहना है कि “जांच चल रही है, जल्द ही कार्रवाई होगी।” हालांकि, स्थानीय स्तर पर कार्रवाई का अभाव जनता के बीच भारी नाराजगी का कारण बन रहा है। जनता का आरोप है कि यह विलंब राजनीतिक भय के कारण हो रहा है और जब तक शिकंजा नहीं कसा जाएगा, नशे का जाल फैलता रहेगा।

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