झारखंड प्रदेश

रांची: झारखण्ड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, जानें पूरा मामला।

रांची: शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली। हेमंत की जमानत याचिका पर अब 21 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगी है। उनकी जमानत पर इसके पहले 13 मई को सुनवाई हुई थी। उस दिन जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने उनकी याचिका पर सुनवाई की थी। संजीव खन्ना ने सुनवाई की तारीख 20 मई तय की थी, लेकिन हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल के आग्रह पर 17 मई की तारीख मुकर्रर की थी। 17 मई को सुनवाई शुरू हुई, तो कपिल सिब्बल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत के आधार पर प्रचार करने के लिए रिहाई देने की मांग की थी। हेमंत सोरेन के वकील की दलीलों का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील ने विरोध किया। साथ ही कहा कि जवाब दाखिल करने के लिए उसे समय की जरूरत है। इसके बाद जस्टिस खन्ना ने अगली सुनवाई की तारीख 21 मई तय कर दी। बता दें कि हेमंत सोरेन बार-बार लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी का प्रचार करने के लिए जमानत मांग रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पहले उन्हें हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कहा था। हाईकोर्ट ने 3 मई को झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन की याचिका को खारिज कर दिया था। बता दें कि झारखंड में अभी तीन चरणों के चुनाव होने बाकी हैं और अपनी पार्टी के लिए हेमंत सोरेन प्रचार करना चाहते हैं।प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री को रांची में जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जीवाड़ा करके साढ़े आठ एकड़ जमीन अपने नाम की है। ईडी ने उन्हें 31 जनवरी को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
हालांकि, हेमंत सोरेन बार-बार कह रहे हैं कि जिस कथित जमीन घोटाला मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है, उससे उनका कोई लेना-देना है ही नहीं। हेमंत सोरेन अभी रांची की होटवार स्थित बिरसा सेंट्रल जेल में बंद हैं।

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