योगी सरकार की पहल: 7 से 11 दिसंबर तक पुणे में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और नवाचार का करेंगे अध्ययन
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पंचायतों के विकास को नई दिशा देने के लिए एक बड़ी पहल की है। प्रदेश के गांवों को ‘स्मार्ट’ और आत्मनिर्भर बनाने के लिए 23 जिलों के 29 ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव महाराष्ट्र के मॉडल गांवों का अध्ययन करेंगे। यह अध्ययन दल कल (7 दिसंबर) महाराष्ट्र के लिए रवाना होगा।
पंचायती राज विभाग की ओर से आयोजित यह दौरा 11 दिसंबर तक चलेगा। सरकार का उद्देश्य है कि यूपी के पंचायत प्रतिनिधि महाराष्ट्र के उन गांवों की कार्यप्रणाली को समझें, जिन्होंने विकास के नए मानक स्थापित किए हैं।
पुणे में सीखेंगे कचरा प्रबंधन के गुर
इस भ्रमण कार्यक्रम का समन्वय पुणे की प्रतिष्ठित संस्था ‘यशदा’ द्वारा किया जा रहा है। यूपी का यह प्रतिनिधिमंडल वहां जाकर मुख्य रूप से तीन चीजों पर फोकस करेगा:
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management): गांव के कचरे का सही निस्तारण कैसे हो।
बायोगैस ऊर्जा मॉडल: कचरे से ऊर्जा उत्पादन।
सामुदायिक सहभागिता: गांव के लोगों को विकास कार्यों में कैसे जोड़ा जाए।
शहर से गांव की ओर लौट रहे लोग: मंत्री
प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इस पहल को ग्रामीण विकास के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा, “ग्राम पंचायतों में विकास की अपार संभावनाएं हैं। सुविधाएं बढ़ने से अब लोग शहरों से वापस गांवों की ओर आ रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि हमारे प्रधान नवाचार (Innovation) और पारदर्शिता सीखें, ताकि गांवों में बेहतर सुविधाएं दी जा सकें।”
लौटकर लागू करेंगे नया मॉडल
विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र से लौटने के बाद ये सभी प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों में ‘मास्टर ट्रेनर’ की तरह काम करेंगे और वहां सीखे गए मॉडल को यूपी की ग्राम पंचायतों में लागू करेंगे।
एक नजर में:
* कौन जाएगा: यूपी के 23 जिलों के 29 ग्राम प्रधान व सचिव।
* कब: 7 से 11 दिसंबर तक।
* मकसद: महाराष्ट्र की मॉडल पंचायतों से नवाचार सीखना।
* परिणाम: यूपी के गांवों में लागू होगी नई तकनीक और पारदर्शिता।
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