अब खंभे पर नहीं चढ़ेगा लाइनमैन, बिल नहीं भरा तो स्मार्ट मीटर से ही ‘गुल’ हो जाएगी बत्ती

यूपी में बिजली विभाग का हाईटेक एक्शन: बकायेदारों की नहीं चलेगी ‘जुगाड़’, कंट्रोल रूम से ही कट जाएगा कनेक्शन
औरैया/दिबियापुर: बिजली बिल न भरने और लाइनमैन से सेटिंग कर कनेक्शन बचा लेने वाले बकायेदारों के दिन अब लद गए हैं। उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी रोकने और समय पर बिल वसूली के लिए नई व्यवस्था लागू हो गई है। अब आपका कनेक्शन काटने के लिए लाइनमैन को घर आने या खंभे पर चढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बकाया होते ही स्मार्ट मीटर ऑटोमैटिक सिस्टम से आपकी बत्ती गुल कर देगा।
पारदर्शी व्यवस्था: कंप्यूटर से ही होगा खेल खत्म
अभी तक बिजली विभाग को बकायेदारों के पीछे भागना पड़ता था, लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद यह सिरदर्दी खत्म हो जाएगी। विभाग के अनुसार, स्मार्ट मीटर में ऐसी तकनीक है कि अगर उपभोक्ता ने समय पर बिल नहीं भरा, तो ऑनलाइन कंप्यूटर के जरिए ऑफिस में बैठे-बैठे ही उसका कनेक्शन काट दिया जाएगा। बकायेदारों की कोई भी ‘जुगाड़’ या सिफारिश अब काम नहीं आएगी।
मार्च 2026 तक हर घर में होगा स्मार्ट मीटर
जिले में यह काम तेजी से चल रहा है। जीनस कंपनी ने दिसंबर 2023 से स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया था। औरैया और दिबियापुर डिवीजन में अब तक लगभग 11 हजार मीटर लगाए जा चुके हैं। विभाग का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक करीब ढाई लाख उपभोक्ताओं के घरों और प्रतिष्ठानों पर ये मीटर लगा दिए जाएं।
जल्द लागू होगा ‘प्रीपेड रिचार्ज’ सिस्टम
अधिकारियों के मुताबिक, स्मार्ट मीटर का काम पूरा होते ही ‘प्रीपेड व्यवस्था’ भी लागू हो सकती है। यानी जैसे मोबाइल में रिचार्ज खत्म होने पर कॉलिंग बंद हो जाती है, वैसे ही मीटर का रिचार्ज खत्म होते ही अंधेरा छा जाएगा। उपभोक्ता जितनी बिजली का पैसा पहले जमा करेंगे, उतनी ही बिजली जला पाएंगे।
अधिकारी बोले- नए कनेक्शन पर सिर्फ स्मार्ट मीटर
अधिशासी अभियंता (मीटर) संतोष कुमार ने बताया कि व्यवस्था को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब जो भी नया कनेक्शन दिया जाएगा, उस पर अनिवार्य रूप से स्मार्ट मीटर ही लगाया जाएगा। पुराने मीटर भी धीरे-धीरे बदले जा रहे हैं।
स्मार्ट मीटर: एक नज़र में
अब तक लगे: 11,000 मीटर (दिसंबर ’23 से अब तक)।
लक्ष्य: मार्च 2026 तक 2.5 लाख मीटर लगाने की योजना।
एक्शन: बकाया होने पर ऑटोमैटिक कटेगी बिजली।
भविष्य: मोबाइल की तरह ‘प्रीपेड रिचार्ज’ सिस्टम होगा लागू।
फायदा: उपभोक्ताओं को गलत बिलिंग से मुक्ति और विभाग को समय पर भुगतान।
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